Sunday, September 8, 2019



फेरोमोन ट्रैप का इस्तेमाल कर करिए कीट और कीटनाशकों की छुट्टी।

       खेती में फेरोमोन ट्रैप का महत्व क्या होता है,  और कैसे ये करता है कीटों से फसलों का बचाव ?

   बिना कीटनाशक खेती करने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या कीट नियंत्रण की होती है। ऐसे किसानों में किसान फेरोमोन ट्रैप, स्टिकी ट्रैप, ट्राइकोकार्ड, प्रकाश प्रपंच आदि का इस्तेमाल कर अपनी फसल को बचा सकते हैं। देश में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन के जरिए इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।

   पेस्टीसाइट के जरिए कीटों का खत्म किया जाता है, जिसमें मित्र और शत्रु दोनों तरह के कीट खत्म हो जाते हैं। लेकिन कीट प्रबंधन के यांत्रिक और जैविक तरीकों के द्वारा शत्रु कीटों का प्रबंधन किया जाता है।  ये उपाय जैविक खेती करने वालों के लिए सबसे उपयुक्त कहे जाते हैं।

   "फेरोमोन ट्रैप " से कीट पर नियंत्रण और निगरानी दोनों हो सकते हैं। ये एक बहुत सस्ता यंत्र है। जो किसी भी खाद और बीज की दुकान से खरीदा जा सकता है।फेरोमोन मादा कीटों से मिलती जुलती एक गंध होती है जो नर कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस गंध को एक छोटी सी कैप्सूल आकार की संरचना में भरकर कीट पकड़ने का ट्रैप (यंत्र) तैयार करते है। कैप्सूल आकार की संचरना को ल्योर भी कहते हैं। ल्योर लगे यंत्र में नीचे एक प्लास्टिग बैग बांध देते हैं। जिससे आसपास के नर कीट इसकी गंध से आकर फंसते जाते हैं। ये डिब्बे (यंत्र) ऐसे तैयार किए जाते हैं कि कीटों के जाने का रास्ता होता है लेकिन वो बाहर नहीं आ पाते। फेरोमन ट्रैप में मौजूद कीटों की संख्या के आधार पर ये भी तय होता है कि खेत में कीटों का हमला हुआ है या नहीं या फिर फसल के किस हिस्से में प्रभाव ज्यादा है। और सबसे जरूरी ये कि ये जानकारी भी हो जाती है कि खेत में कीट कौन कौन से हैं।

    एक हेक्टेयर 5 से 7 फेरोमन ट्रैप लगाने पर फसल की मॉनिटरिंग होती है, जबकि 15-20 लगाने पर ये फसल सुरक्षा का काम करते हैं। अगर एक फेरोमैन ट्रैप में दिन में 5-7 कीट नजर आएं और तो समझ लीजिए कि हमला हो चुका है और ये आर्थिक हानि स्तर तक है, यानि अब किसानों को जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए।'

किसानों को ऐसे यंत्रों के जरिए कीट प्रबंधन की व्यवस्था करने चाहिए चूकि कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल से दोहरा नुकसान है, एक तो किसानों का पैसा खर्च होता दूसरा सेहत और खेत तीनों खराब होते है।

     हर फसल के अलग ल्यूर आता है। जोकि अलग अलग कीमत पर मिलते हैं फेरोमोन ट्रैप जहाँ 50₹ के लगभग व ल्यूर 20-30₹ पर मिल जाते हैं।

   फेरोमन ट्रैप के लाभ -

👉इससे रसायनों के छिड़काव और उसमें होने वाले खर्चे से किसान को छुटकारा मिलेगा।

 👉फेरोमोन एवं ल्योर विषैले नहीं हैं इसलिए फसल और वातावरण को कोई खतरा नहीं।

👉इसके प्रयोग से कीड़ों का आकलन करके उपचार में असानी रहती है।

 👉इस तरीके से कीड़े अपनी संख्या नहीं बढ़ा पाते हैं और उत्पादन को नुकसान नहीं होता।

👉उपकरण केवल एक ही बार खरीदना होता है इसमें लगने वाला फेरोमोन गंध वाला ल्योर ही केवल बार-बार बदलना पड़ता है।

   किसान बरतें ये सावधानियां -

👉.फेरोमोन ल्योर को एक माह में एक बार अवश्य बदल देना चाहिए।

👉 ठंड़े एवं सूखे स्थान पर भंडारित करें।

👉.एक बार प्रयोग किये गए ल्योर को नष्ट कर दें।

👉बात को सुनिश्चित करते रहें कि कीट एकत्र करने की थैली का मुंह बराबर।

👉 यंत्र को ऐसी जगह लगाएं जिससे अधिकाधिक कीड़े एकत्र कर नष्ट किए जा सकें।

👉.ट्रैप लगाने से पहले हाथों को साबुन से धुलें, तंबाकू या दूसरे रसायनों की गंध इसे प्रभावित कर सकती है।

👉ट्रैप को फसल के 25-30 दिन की होने के बाद ही लगाने चाहिए। इसे फसल से करीब एक फीट ऊपर लगाना चाहिए।




फसल व कीटों के साथ प्रयोग किए जाने वाले ल्योर के प्रकार -

👉1.अमेरिकन सुंडी लट हेली ल्योर दलहनी फसलों के लिए।

👉2.धब्बेदार सुंडी इर्विट ल्योर भिन्डी, तरोई, कद्दू वर्गीय।

👉3.डायमंड बेक मॉथ दीबीएम ल्योर गोभी कूल के फसल के लिए।

👉4.बैंगन तना एवं फली छेदक लयूसिन ल्योर बैगन एवं मिर्च के लिए।

👉5.अर्ली शूट बोरर इएसबी ल्योर धान और गन्ना के लिए।

👉6.गन्ना तना छेदक चाइलो ल्योर गन्ने के लिए।

👉7.गन्ना टीप बोरर स्किरपो ल्योर गन्ने के लिए ।


तना छेदक का कारगर उपाय मात्र50₹ में घर पर ही बनाएं

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   प्रकाश प्रपंच

      प्रकाश के माध्यम से कुछ जुगाड़/जाल बनाकर यदि हम कीट -पतंगो को फँसाने का काम में लेते हैं तो ऐसे जुगाड़ को प्रकाश प्रपंच (Light trap) कहते हैं।

    साथियों, ज्यादातर कीट रात्रि के समय सक्रिय होते हैं तथा फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते है, ज्यादा प्रजनन करने वाले कीट -पतंग प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं।उनकी इसी कमजोरी को पकड़ कर हम कुछ जुगाड़ बनाकर कीट-पतंगो को पकड़कर अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकते हैं।

प्रकाश प्रपंच हेतु आवश्यक सामग्री-
1#बल्ब
2#होल्डर
3# तार
4#टीपा (20लीटर साइज का)/डाल्डा की खाली जार।

निर्माण विधि -
    सर्वप्रथम टीन टीपा को नीचे भाग 4" ईंच छोड़कर 6"×6" की साइज में चारों साइड को किसी औजार से काटने है। तथा ऊपर भाग में बिजली होल्डर घुसाने हेतु एक होल करने हैं व उस होल पर होल्डर को क्लैम्प करते हुए वायर/तार को जोड़ने हैं तथा टीपा के अंदर भाग से 100v के बल्ब को लगाने है।
   जार के अंदर दो लीटर पानी के साथ 50mlजला हुआ मोबिल मिलाने है।

   प्रकाश प्रपंच सह स्टीकि ट्रैप -
      चूंकि ज्यादातर कीट -पतंगें रोशनी व पीले रंग पर आकर्षित हैं तो यदि आप टीपा के ऊपरी भागों में पीले रंग की पालिस चढा देते हैं व सूखने के बाद ग्रीस का एक लेप लगा देते हैं तो यह जुगाड़ स्टिकी ट्रैप का भी काम करता है।

    प्रयोग विधि -
       उपरोक्त विधि से निर्मित प्रकाश प्रपंच को किसी लकड़ी के सहारे फसल की ऊंचाई से तीन फिट ऊपर रखकर रस्सी के सहारे बांधने है तथा बिजली का कनेक्शन जोड़ देने हैं।

 सावधानियां -
 👉प्रकाश प्रपंच का प्रयोग संध्या 6बजे से रात्रि 9बजे तक करने है, चूकि देर रात्रि तक जलाने से मित्र किट भी खत्म हो जाएगें।

👉एक एकड़ जमीन में एक या दो ट्रैप ही काफी है।

👉यदि आप ऊपरी भाग का प्रयोग स्टिकी ट्रैप के रूप में कर रहे हैं तो बीच बीच में साफ़ करके ग्रीस का लेप पुनः चढाना होगा।

👉लकड़ी को मजबूती से गाडना चाहिए ताकि ऊल्लू आदि के बैठने से गिरने ना  पाए।

👉बिजली के तार के कटे छिले भाग को टेप से अच्छी तरीके से कभर किया होना चाहिए।

Monday, December 8, 2008

Life is once so enjoy those moments which Life gives us.

ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो ...
ऑफिस में खुश रहो, घर में खुश रहो ...

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आज पनीर नहीं है , दाल में ही खुश रहो ...
आज जिम जाने का समय नहीं , दो कदम चल के ही खुश रहो ...

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आज दोस्तों का साथ नहीं, टीवी देख के ही खुश रहो ...
घर जा नहीं सकते तो फ़ोन कर के ही खुश रहो ...

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आज कोई नाराज़ है, उसके इस अंदाज़ में भी खुश रहो ...
जिसे देख नहीं सकते उसकी आवाज़ में ही खुश रहो ...

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जिसे पा नहीं सकते उसकी याद में ही खुश रहो
Laptop न मिला तो क्या , Desktop में ही खुश रहो ...

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बिता हुआ कल जा चूका है , उसकी मीठी यादों में ही खुश रहो ...
आने वाले पल का पता नहीं ... सपनो में ही खुश रहो ...

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हँसते हँसते ये पल बिताएँगे, आज में ही खुश रहो
ज़िन्दगी है छोटी, हर पल में खुश रहो

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Thursday, November 20, 2008

Coolest Doubt in Mahabharat

Coolest doubt in Mahabharat!

In some remote village of India, one masterji is teaching the Mahabharat katha to class 6 students.
He is at the krishnajanma' part of it.
Masterji: "Kansa heard the akashwani that his sister's 8th child is going to kill him. He was furious. He ordered to put vasudev n devki behind the bars. First son is born, and kansa kills him by poisoning... Second one is born n kansa throws him off the mountain peak. Third one is born."

Now Ramu, who is smartest of the lot, puts up his hand and asks "Masterji, I have a doubt" (sounding nervous n confused)

Masterji: "Ramu bete, whole India does not have doubt in Mahabharata then how come u have one?"

Ramu : Masterji, if Kansa knew that Devaki's 8th child was going to kill him, WHY THE HELL DID HE PUT VASUDEV AND DEVAKI IN THE SAME CELL ?

Masterji fainted.....................

Wednesday, November 19, 2008

Koi Diwana Kahta Hai - Kumar Vishwas

One lovely "kavita" by Kumar Vishwas.....Love it

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!

मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!

समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हँगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पला बैठा तो हँगामा,
अभी तक डूब कर सुनते थे हम किस्सा मुहब्बत का
मैं किस्से को हक़ीक़त में बदल बैठा तो हँगामा !!!